Tyre पर लिखे इन Numbers का क्या मतलब होता है | देखिए video

कार में लगे टायरों में ज्यादातर समय हम केवल यही देखते हैं कि हवा कम तो नहीं है या फिर टायर में कितनी ग्रूव बाकि है. लेकिन हम कभी ये ध्यान नहीं देते कि टायर पर कई नंबर और जानकारियां भी दी हुई होती हैं. हम जब भी टायर बदलवाने भी जाते हैं तो बस रिम साइज से ज्यादा कम ही लोगों को जानकारी होती है. लेकिन हमें ये जानना बहुत जरूरी होता है कि टायर पर लिखी अन्य जानकारियां क्या हैं और उनका आपकी गाड़ी पर क्या असर होता है. यदि आपको ये जानकारियां होंगी तो ये आपके लिए फायदेमंद होगा और आपकी गाड़ी के सस्पेंशन के लिए भी.
कार पर लिखा एल्फाबेट्स के साथ नंबर
कार के टायर पर एल्फाबेट्स के साथ कुछ नंबर लिखे होते हैं, (उदाहरण के लिए 220/r16/85) इन नंबरों पर कम ही ध्यान जाता है लेकिन ये काफी महत्वपूर्ण होते हैं. ये आपकी गाड़ी के टायर साइज की जानकारी होती है. इसमें आपकी रिम का साइज, जैसे कि r16 मतलब रिम साइज 16 इंच है.
वहीं 220 यहां पर दिखाता है कि आपकी टायर की चौड़ाई कितनी है. इस नंबर को ध्यान रख यदि आप कभी अपनी गाड़ी के टायर को अपसाइज करना चाहें तो काफी मदद मिलेगी. वहीं 85 जहां लिखा हो वो ये दिखाता है कि आपकी गाड़ी का टायर कितना प्रैशर झेल सकता है. ऐसे में ये नंबर हर टायर के साइज के साथ अलग अलग होते हैं.
टेम्प्रेचर गेज और टायर प्रेशर
टेम्प्रेचर गेज को चैक करना काफी जरूरी है खासकर भारत जैसे देश में जहां पर अधिकतर जगहों पर तापमान ज्यादा रहता है और सड़कें काफी गर्म रहती हैं. ज्यादातर लोग इंपोर्टेड टायर लगाना चाहते हैं लेकिन इस दौरान ये देखने की जरूरत है कि उन टायरों का टेंपरेचर गेज कितना है. क्योंकि इंपोर्टेड टायर ज्यादातर ठंडे इलाकों के हिसाब से बनाए जाते हैं और ऐसे में उन टायरों का ज्यादा तापमान में फटने का खतरा होता है. वहीं टायर के साइज के हिसाब से टायर प्रेशर मार्क दिया जाता है. गाड़ी के टायर का एयर प्रैशर उसी हिसाब से रखना चाहिए.
टायर मैटिरियल और प्लाई
टायर की क्वालिटी और उसके रबर की मोटाई को हमेशा ध्यान में रखकर गाड़ी के टायर बदलवाने चाहिए. टायर के ऊपर ही उसके मैटिरियल की पूरी जानकारी होती है साथ ही टायर कितने प्लाई का है इसकी भी जानकारी दी जाती है. ये गाड़ी के मॉडल के हिसाब से बनाए जाते हैं. ऐसे में ये ध्यान रखना चाहिए कि प्लाई चारों टायरों की समान होनी चाहिए.
कब बदलवाएं टायर
टायर जब भी बदलवाएं कोशिश करें कि चारों एक साथ बदलें. इसके लिए टायर को हमेशा रोटेटरी रखें, यानि जब आपके टायर 10 हजार किर्मी का सफर पूरा कर लें तो आगे के टायर पीछे और पीछे के टायर आगे लगा दें. इससे टायरों का घिसाव लगभग बराबर होगा. ऐसे में चारों टायरों को एक साथ बदलवाने की कोशिश करें. यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो दो टायर तो कम से कम एक साथ बदलवाएं और नए टायरों को हमेशा आगे लगवाएं. क्योंकि आगे कार का इंजन होने के चलते ज्यादा लोड होता है.नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]