समुंदर के नीचे सड़क? अब होगा मुंबई से दुबई तक का सफर 2 घंटे में पूरा

समुन्द्र के नीचे सड़के , अब मुंबई से दुबई सिर्फ 2 घंटे में
दोस्तों, शायद आपने भी कभी नही सोचा होगा कि आप इंडिया से दुबई बिना फ्लाइट के सफ़र करेंगे या फिर रेल से सफ़र करेंगे शायद ही कभी किसी के दिमाग में ऐसा ख्याल आया होगा लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है वैसे-वैसे हम नए मुक़ाम हासिल कर पा रहे है हाइपर लुक ट्रेन और ड्राईवर लेस फ्लाइंग कार के बाद अब यू ए इ फ्यूचर के एक और ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम करने की प्लानिंग कर रहा है और अगर ये प्लानिंग कामयाब हो जाता है तो आप जल्दी ही मुंबई से दुबई के बीच सफ़र कर पाएंगे वो भी उस ट्रेन से जो समुन्द्र के नीचे से दौरेगी.
कहा जाता है कि “ transportation is transformation “ मतलब कि अगर किसी देश या किसी इलाके को डेवेलोप करना हो तो वहाँ के ट्रांसपोर्टेशन को चेंज कर दीजिये फिर देखिये वो देश और इलाका खुद पे खुद डेवेलोप हो जायेगा. वैसे भी आज कल ट्रांसपोर्टेशन तो एक अलग ही लेवल पर बिकसित हो गया है वरना कुछ साल पहले फ्लाइंग कार के बारें में भी कोई ही सोचता था.
डेवलपमेंट की इस दौर में अब भारत भी तेज़ी से आगे बढ़ने लगा है मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन का काम इसी ओर भारत का एक कदम है और सब ठीक रहा तो आने वाले समय में भारत का आम आदमी हाई स्पीड ट्रेन की मदद से मुंबई से दुबई तक का सफ़र कर पायेगा वो भी सिर्फ 2 घंटे में, और ये अंडर वाटर हाई स्पीड ट्रेन होगी जो भारत को यू ए इ से जोड़ेगी.
ये अल्ट्रा हाई स्पीड अंडर वाटर रेल नेटवर्क बनाने की यूएइ की तरफ से पहली बड़ी पहल हुई है, इंडिया यू ए इ कनक्लेव के दौरान नेशनल एडवाईजर, ब्यूरो लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, और चीफ कंसलटेंट अब्दुला अल्सेही (Abdullah AI Shehhi) ने इसका खुलासा किया है उनके मुताबिक ये रेल रूट करीब 2000km का होगा जो भारत के मुंबई और यूएइ के फुजेहरा शहर को आपस में जोड़ेगा, वो भी अरेबियन समुंद्र के अन्दर से होता हुआ. दोस्तों ये एक मेगा प्रोजेक्ट है क्युकी अगर एक बार ये प्रोजेक्ट तैयार हो गया तो फिर मुंबई से यूएइ मात्र 2 घंटे दूर रह जायेगा.
वैसे इस mega प्रोजेक्ट को लेकर कई बड़े सवाल और चुनौतियाँ भी सामने आयी है उन पर बात करें उससे पहले ये जान लेना जरुरी है कि इस अल्ट्रा हाई स्पीड अंडर वाटर रेल नेटवर्क के फायदे क्या होंगे तो सबसे पहला फायदा तो यही होगा की आम आदमी भी मुंबई से दुबई और दुबई से मुंबई का सफ़र कर पायेगा वो भी सिर्फ 2 घंटे में, दोस्तों ये प्रोजेक्ट एक पाथ ब्रेकिंग प्रोजेक्ट होगा जिससे दोनों देशो के बीच ट्रेड के लिए सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी. क्यूकी इनके बीच goods का ट्रांसपोर्ट बढ़ जायेगा.
दोनों देशो के बीच इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट आसान हो जायेगा. अगर यह प्रोजेक्ट कामयाब हो जाता है तो सबसे इम्पोर्टेन्ट ये होगा की कच्चा तेल सीधे भारत पहुँचेगा, और बदले में भारत से मीठा पानी सीधा दुबई तक पहुंचाया जा सकेगा. आज दुबई अपने पीने के पानी की जरुरतो को पूरा करने के लिए खारे पानी को मीठे पानी में बदलता है या फिर क्लाउड सीडिंग की मदद लेता है इस काम में उसका काफी खर्च लगता है क्यूकी ये प्रोसेस काफी महंगे है लेकिन एक बार जो ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया तो फिर भारत के नर्मदा नदी का मीठा पानी दुबई तक आसानी से एक्सपोर्ट हो जायेगा. इस तरह से इस प्रोजेक्ट से दोनों देशो का भरपूर फायदा होगा.
अब बात करते हैं इस प्रोजेक्ट में आने वाली चुनौतियों के बारे में, क्या होगा अगर समुन्द्र में सफ़र के दौरान ये ट्रेन अगर किसी हादसे का शिकार हो जाएगी तब कैसे समुन्द्र के अन्दर लोगो तक मदद पहुंचाई जाएगी, क्या होगा अगर कोई प्रकृति आपदा या सुनामी आ गयी फिर कैसे पानी के भीतर इस हाई स्पीड ट्रेन के मुसाफिरों को रेस्क्यू किया जा सकेगा. इन सवालों का जवाब तलासना भी बेहद जरुरी हो जाता है एक्सपर्ट मानते है 2000km लम्बे इस रेल रूट में दोनों देश बीच-बीच में अपने चेक पॉइंट्स बना सकते है ताकि अगर कोई हादसा हो जाये तो तुरंत ही लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके.
दूसरा आप्शन ये भी सुझाया गया है कि शुरुआत में कुछ सालो तक दोनों देश के बीच इस रूट का इस्तेमाल सिर्फ goods ट्रेनों के लिए किया जायेगा, न कि किसी पसेंज़ेर ट्रेन के लिए. एक बार जब इस नतीजे पे पहुंच जाएगी कि इस रूट पर ट्रेवल करना ठीक है तब जाकर प्रॉपर टेस्टिंग के बाद इसे पस्सेंज़ेर ट्रेनों के लिए खोला जायेगा, दूसरी चुनौती ये है कि अगर सुनामी आ जाये तब कैसे रेल रूट पर होने वाले अनहोनी को टाला जाए,
एक्सपर्ट ने इस सवाल का भी जवाब दिया है जिनके मुताबिक़ दोनों देशो को साथ मिलकर समुन्द्र के एक बड़े हिस्से में एक अलार्म सिस्टम डेवलप्ड करना पड़ेगा ताकि सुनामी जैसी आपदा का भनक लगते ही इस अंडर वाटर रेल रूट को तुरंत ही सस्पेंट किया जा सके या फिर आज की हाई-एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से इसे इतना एडवांस और मज़बूत बना दिया जाये जो इस तरह के आपदा को झेलने में सक्षम हो.
वैसे भी आज कि इस हाईली एडवांस इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी को देखते हुए ये सब इतना मुश्किल भी नही है ऐसा नही है कि इस तरह की अंडर वाटर ट्रेन प्रोजेक्ट की बात पहली बार हो रही है आपको बता दे कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच जो बुलेट ट्रेन का काम चल रहा है उस रूट का भी एक हिस्सा समुन्द्र के अन्दर से होकर गुजरने वाला है जिस पर फिलहाल काम भी चल रहा है वही चीन भी अपने देश को अमेरिका से जोड़ने के लिए एक रेल नेटवर्क पर काम करने की प्लानिंग कर रहा है जिसका बड़ा हिस्सा समुन्द्र के अन्दर से होकर गुजरने वाला है चीन के मुताबिक ये रेल रूट रूस और कनेडा से होते हुए अमेरिका तक जायेगा.
तुर्की का ये शहर यूरेशिया यूरोप और एशिया के बीच एक कड़ी की तरह है जो इन दोनों coordinates को आपस में जोड़ता है हालाँकि इसके लिए सह्नुमाज़ दो substantial ब्रिज जिसके जरिये यूरोप और एशिया आपस में जुड़ते है यहाँ का हैवी ट्राफिक लोगो का काफी ज्यादा वक़्त ख़राब करता है जिससे ट्रेड में भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है, इसी कमी को पूरा करने के लिए इस परेशानी को दूर करने के लिए एक अल्टरनेटिव रूट बनाया जा रहा है जो अंडर वाटर ऑपरेट होगा.
तुर्की के एक शहर में बन रहा यूरेशिया tunnel जो 1.25 बिलियन डॉलर में बन रहा सुपर हाईवे जो करीब डेढ़ घंटे की दूरी को सिर्फ 15 मिनट में तय कर लेगा, ये tunnel 3.4km लम्बा है जिस पर बहुत तेज़ी से काम चल रहा है इसके लिए पानी के अंदर मौजूद चट्टानो में में भी छेद करके रास्ता बनाया जा रहा है, आपको बता दें कि जहाँ ये tunnel बनाया जा रहा वो एक earthquake जोन है मतलब अक्सर यहाँ भूकंप आते है.
इसके बावजूद इस tunnel को ऐसे डिजाईन किया गया है कि बड़े से बड़े भूकंप को भी आसानी से झेल ले. Tunnel को बनाने में इंजीनियर भी ये मानते है कि इस tunnel को बनाने में जो टेक्नोलॉजीज इस्तेमाल की जा रही है वो भूकंप के फ़ोर्स और सुनामी के तबाही को भी आसानी से झेल सकती है और tunnel को इससे कोई नुक्सान भी नही पहुचेगा. दोस्तों अगर तरक्की करनी है तो इमेजिनेशन के पास जाना ही होगा. नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]