पेट्रोल पंप वाले आपको कैसे बेवकूफ बनाते है , 99% लोग नहीं जानते देखिये video
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से तो आम आदमी परेशान है ही, लेकिन कुछ पेट्रोल पंप ऐसे भी हैं जो कि अपने ग्राहकों को अलग-अलग तरीके से ठगने का काम करते हैं। जो लोग अपने वाहनों में कम मात्रा में ईंधन पड़वाते हैं उनके ईंधन की मिलावट करना पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिए आसान होता है। पेट्रोल पंप कर्मचारी अलग अलग तरीकों से अपने ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर पैसा बनाते हैं। हालांकि आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम अपनी इस खबर में आरको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप इस तरह के धोखे से खुद को बचा सकते हैं।
फिल्टर पेपर टेस्ट: अगर आप अपने वाहन के कम माइलेज देने से हैरान है या फिर इंजन में आए दिन आने वाली खराबी से तो इसकी एक वजह खराब डीजल और पेट्रोल भी हो सकती है। कस्टमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अनुसार पेट्रोल पंप को फिल्टर पेपर स्टॉक में रखना होता है। अगर ग्राहक यह ईंधन में मिलावट को जांचने के लिए फिल्टर पेपर की मांग करता है तो पेट्रोल पंप इससे इनकार नहीं कर सकते हैं।आपको बस इतना करना होगा कि पेट्रोल/डीजल की कुछ बूंदें उस फिल्टर पेपर पर डालनी होंगी। अगर वो बिना निशान छोड़े तुरंत उड़ जाता है तो आप उसकी शुद्धता को लेकर निश्चित हो सकते हैं, लेकिन अगर किसी सूरत में पेट्रोल फिल्टर पेपर पर एक निशान छोड़कर उड़ता है तो आप मान लें कि पेट्रोलडीजल में कुछ मिलावट है।
कम तेल मिलना: ग्राहक को उसकी ओर से मांगी गई मात्रा के बराबर तेल न देना पेट्रोल पंप कर्मचारियों की ओर से किया जाने वाला आम फ्रॉड होता है। अगर पेट्रोल या डीजल भरवाते समय जरा भी आपका ध्यान भटका को पेट्रोल पंप कर्मचारी एक ट्रिक का इस्तेमाल करके आपको कम तेल दे सकता है, वह आपसे कह सकता है कि तेल भरने का प्रोसेस खत्म हो गया। इसके लिए बेहतर यही है कि ईंधन भरवाते समय आप अपनी निगाह मीटर पर ही रखें।मिलावट: ईंधन में मिलावट करना सबसे सस्ता और आसान तरीका होता है जिसके जरिए अधिकतर पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को चूना लगाया जाता है। ये लोग अपने ईंधन में नेप्था मिला देते हैं जो कि पेट्रोल का ही बाई-प्रोडक्ट (उप-उत्पाद) होता है और उसका घनत्व भी पेट्रोल जितना ही होता है। यह अपना अवशेष नहीं छोड़ता है और यह पेट्रोल से सस्ता पड़ता है।
नोजल से छेड़छाड़: कुछ पेट्रोल पंप पर डिस्पेंसर के नोजल में छेड़छाड़ की जाती है। चंद मिनटों की छेड़छाड़ आपको 100 से 150 एमएल तेल की चपत लगा सकती है। हालांकि एक दिन की यह चोरी पकड़ी नहीं जा सकती। लेकिन अगर आपके साथ ऐसा रोज रोज हो रहा हो महीने के आधार पर आपको बड़ी चपत लग सकती है। इससे बचने के लिए आपको फाइल लीटर टेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। हर पेट्रोल पंप के पास वेट एंड मेजर सर्टिफाइड फाइव लीटर मेजर होता है। अगर आपको संदेह है तो आप खुद मशीन से पेट्रोल भर सकते हैं। अगर यह पांच लीटर पेट्रोल ही भरता है तो आप इसको लेकर निश्चिंत हो सकते हैं। इस फ्रॉड के जरिए पेट्रोल पंप कर्मी रोजाना कई लीटर पेट्रोल बचा लेते हैंआपके टैंक में ईंधन डालते वक्त अटैंडेंट अपनी उंगली नोजल पर रखता है और ईंधन के फ्यूल को लगातार रोकने की कोशिश करता है। इस तरह से आपको आपकी ओर से मांगी गई मात्रा से थोड़ा कम पेट्रोल-डीजल मिलता है।नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]