आखिर क्यों होता है ट्रेनों में लाल, हरा और नीला डिब्बा? सभी कलर का अलग मतलब l देखिए video

भारतीय रेलवे एशिया में दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। आप अक्सर रेल से सफर करते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय ट्रेन के डिब्बो के कलर अलग-अलग क्यों होते हैं। साथ ही इन हरे, लाल और नीले रंग के डब्बों के पीछे की वजह क्या है? अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
नीले रंग के डिब्बे
आपने अक्सर देखा होगा कि अधिकांश रेलवे कोच नीले रंग के होते हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये आईसीएफ या एकीकृत कोच हैं, जिनकी गति 70 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच है। ये गाड़ियां मेल एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनें होती हैं। ये लोहे से बने होते हैं और एयर ब्रेक से लैस होते हैं।
लाल रंग के डिब्बे वाली गाड़ी
वहीं दूसरी ओर बात करें तो भारतीय रेलवे के लाल डिब्बों को लिंक हॉफमैन बुश के नाम से जाना जाता है। वे वर्ष 2000 में जर्मनी से आए थे। वे पहले अन्य देशों में निर्मित होते थे, लेकिन वर्तमान में कपूरथला, पंजाब में बन रहे हैं। यह कोच एल्युमीनियम के बने होते हैं और इनका वजन अन्य कोचों से हल्का होता है। यह ट्रेन हल्के वजन की वजह से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं, इसमें डिस्क ब्रेक भी दिया जाता है। लाल डिब्बों का उपयोग मुख्य रूप से भारतीय रेलवे की ट्रेनों जैसे कि राजधानी और शताब्दी में किया जाता है।
हरे रंग के डिब्बो वाली ट्रेन
हरे रंग के डिब्बों का उपयोग गरीब रथ में किया जाता है। मीटर गेज ट्रेन में कई भूरे रंग की गाड़ियां भी होती हैं। दूसरी ओर, नैरो-गेज ट्रेनें हल्के रंग की गाड़ियों का उपयोग करती हैं। भारत में लगभग सभी नैरो-गेज ट्रेनें अब सेवा में नहीं उपलब्ध नहीं हैं।
धारियों का क्या है मतलब?
रंग के अलावा आईसीएफ कोचों पर अलग-अलग रंग की धारियां भी पेंट की गई हैं, जिसका एक महत्वपूर्ण कार्य है। कुछ कोचों में अंतिम खिड़की के ऊपर कई रंगों से रंगा गया होता है ताकि उन्हें दूसरों से अलग किया जा सके। उदाहरण के लिए, नीले रेलवे डिब्बों पर सफेद पट्टियां किसी विशिष्ट ट्रेन के सेकेंड क्लास की पहचान कराती हैं। वहीं हरे रंग की धारियों वाले ग्रे कोच महिला बोगी को दर्शाते हैं। इसके अलावा ग्रे डिब्बों पर लाल धारियां ईएमयू/एमईएमयू ट्रेनों में फर्स्ट क्लास को दर्शाते हैं। ये सभी पट्टियां भारतीय रेलवे की ओर से संकेतों के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं। नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]