कौन है Julian Assange जिसके पीछे 12 सालों से पड़ा है अमेरिका? देखिए video
लंदन, 17 जूनः ब्रिटेन सरकार ने जासूसी के आरोपों में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को आपराधिक आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका में प्रत्यर्पण प्रत्यर्पित की मंजूरी दे दी है। ब्रिटिश आंतरिक मंत्री प्रीति पटेल ने प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जूलियन असांजे ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं। उन पर जासूसी का आरोप है। वह 2019 से लंदन की बेल्मार्श जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद अमेरिका की तरफ से उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी को सार्वजनिक किया गया।
असांजे के पास 14 दिनों का वक्त असांजे के समर्थकों का कहना है कि वह एक एंटी एस्टैब्लिशमेंट नायक हैं, जिन्हें शिकार बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका की पोल खोल दी। उनपर दोषारोपण पत्रकारिता और स्वतंत्र भाषण पर राजनीतिक रूप से हमला है। अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों से कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है। हालांकि असांजे के प्रयासों का यह अंत नहीं है और उनके पास अपील करने के लिए 14 दिन का समय है। हालांकि इस बीच यदि उनकी अपील अस्वीकार कर दी जाती है तो जूलियन असांजे को 28 दिनों के भीतर प्रत्यर्पित किया जाएगा।
कौन है जूलियन असांजे जूलियन असांजे ने 2006 में विकिलीक्स की शुरुआत की ताकि बिना ट्रेस हुए वह इंटरनेट पर एक मुखबिर के तौर पर संवेदनशील दस्तावेज पोस्ट कर सकें। 4 साल बाद स्वीडन की दो महिलाओं ने असांजे पर रेप और यौन शोषण के आरोप लगाए और उनके खिलाफ स्वीडन ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया। असांजे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
2010 में सेना से जुड़े दस्तावेज किए लीक 2010 में विकिलीक्स ने बड़ी संख्या में सेना से जुड़े अमेरिकी गोपनीय दस्तावेजों को जारी किया। इसके अलावा असांजे ने अफगानिस्तान और इराक युद्ध से जुड़े दस्तावेजों को भी सार्वजनिक कर दिया। इसके बाद अमेरिका में असांजे को बहिष्कृत कर दिया गया। 2012 में ब्रिटेन द्वारा स्वीडन को प्रत्यपर्ति किए जाने से बचने के लिए, उन्होंने इक्वाडोर के दूतावास से शरण की गुहार लगाई और तब से लंदन में शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे।
हिलेरी क्लिंटन के ईमेल को किया सार्वजनिक 2016 में विकिलीक्स ने डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन की टीम द्वारा अमेरिकी चुनाव अभियान में भेजे गए 20,000 हैक किए ईमेल सार्वजनिक कर दिए। हालांकि, स्वीडन ने 2017 में उनके खिलाफ रेप से जुड़े अपराध को हटा लिया था। इसके कुछ समय बाद असांजे ने इक्वाडोर की नागरिकता ले ली। 2019 में इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने कहा कि असांजे ने अपने शरणस्थल के नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद अप्रैल 2019 में ब्रिटेन की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]