कैसी होती है किन्नरो की जिंदगी ?देखिये video

वह दिन आता है, जिसका इंतजार किन्नर पूरे साल करती हैं। उस दिन सारे किन्नर सजधज कर अपना ब्याह रावण से रचाती हैं। एक रात के लिए सुहागन बनती हैं। सब नाचती हैं, गाती हैं…हमरे आंगना आई खुशी, मोरा हिजड़ा मनवा डोला। अगले दिन फिर सभी उसी काली दुनिया में वापस से जीने लगती हैं। फिर से वही पैसे मांगना, अपनी अस्मिता के लिए लडऩा। किन्नरों की जिंदगी की सच्चाई को दर्शाता नाटक ‘जानेमन’ का मंचन प्रेमचंद रंगशाला में रविवार को किया गया। नाटक हज्जु म्यूजिकल थियेटर का था।मुंबई की एक उपनगरी बस्ती में किन्नर नज्जो नायक अपने आधे दर्जन चेलनों के साथ रहती है। उनकी जिंदगी उन्हीं चेलनों के लालन-पालन और उनकी खुशी और गम तक सीमित होता है। उनके साथ दिल्ली से आई सखी पन्ना भी रहती है।

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पन्ना हमेशा से नज्जों की चेलनों के देखकर सोचती है कि वह मरने के बाद नरक में जाएगी क्योंकि उसके पास एक भी चेलन नहीं है। नज्जो अपनी सखा की तकलीफ को समझती है और एक दिन मुकेश नाम का शख्स हिजड़ों का जमात में शामिल होने आता है। नज्जो उसे पन्ना को सौंप देती है। पन्ना मुकेश को बहुत प्यार करती है और उसे प्यार से बुलबुल कहकर बुलाती है। बुलबुल की शादी एक सेठ से कराई जाती है। शादी की रात के बाद सेठ दोबारा नहीं आता है। पन्ना की इस चेलन को नज्जो दूसरी चेलनों की तरह दुकान और सिग्नल पैसे मांगने भेजती है और उसपर कहर बरपाती है।

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यह देख पन्ना दम तोड़ देती है। नज्जो को गहरा अपराध बोध होता है और वह बुलबुल को इस नरक की दुनिया से जाने को कहती है। वह कहती है, ‘बेटी, जाओ… इस नरक की दुनिया से चली जाओ। हो सके तो इस नरक में किसी को आने न देना और न ही कोई अखाड़ा बनने देना।’ इस घटना के बाद चेलनों में बगावत होती है और नज्जो के दर्दनाक एकालाप के साथ नाटक का समापन हो जाता है।प्रेमचंद रंगशाला में किन्नरों की जिंदगी की सच्चाई को दर्शाते नाटक ‘जानेमन’ का एक दृश्य, जिसमें कलाकार ने अपने अभिनय से एक साथ बहुत कुछ कह डाला।ञ्च ब्रजेश शर्मा, राजवर्धन, मनीष महिवाल, रोहित चंद्रा, हीरा लाल राय, निकेश कुमार, राज मर्चेंट, अजीत कुमार, आदि ञ्च निदेशक: सुरेश कुमार हज्जु ञ्च लेखक: मच्छिन्द्र मोरेनोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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