इतने भारी Cargo Ships को पानी में कैसे उतारते हैं? देखिए video

दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज (Container Vessel) ‘एचएमएम अल्गेसिरस’ चीन के पूर्वी प्रांत शैनदॉन्ग के क्विंगदाओ बंदरगाह (Qingdao Port) से अपनी पहली यात्रा पर रवाना हो चुका है. इस मालवाहक जहाज (Corgo Ship) की ऊंचाई 70 मीटर, लंबाई 399.9 मीटर और चौड़ाई 61.03 मीटर है. इसके डेक का पूरा एरिया फुटबॉल के तीन मैदान से बड़ा है.
इस जहाज पर एक बार में 24,000 कंटेनर लादे जा सकते हैं. अगर इन कंटेनर्स को एक सीधी लाइन में रखा जाए तो कुल लंबाई 150 किमी हो जाएगी. क्विंगदाओ कियानवान यूनाइटेड कंटेनर टर्मिनल कंपनी लिमिटेड के उपमहाप्रबंधक झांग जून ने बताया कि ये जहाज बंदरगाह से 4,560 टीईयू रसायन, मशीनी और इलेक्ट्रिकल सामान लेकर रवाना हुआ है. ये जहाज चीन से चलकर निंगबो, शंघाई, यांटिन, स्वेज नजर, रॉटरडैम, हैंबर्ग, एंटवर्प और लंदन जाएगा.
दक्षिण कोरि
या की फर्स्ट लेडी ने आधिकारिक नाम की घोषणा की
एचएमएम एल्गेसिरस 14 करोड़ डॉलर की लगात से बनकर तैयार हुआ है. साल 2013 में बड़े जहाज बनाने का विचार सामने आया. इसके बाद पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बड़े आकार के ऐसे जहाज बनाने की कोशिशें शुरू हुईं, जो अर्थव्यवस्था के अनुकूल और दक्षता में शानदार हो. दुनिया में 2013 से 2018 के बीच 8 बड़े मालवाहक जहाज बनाए गए थे, जिन्हें दुनिया की बड़ी शिपिंग कंपनियां चलाती थीं.
इसके बाद एचएमएम एल्गेसिरस की क्षमता पिछले साल में बढाकर 5,964 टीईयू तक पहुंचा दी गई है. दक्षिण कोरिया (South Korea) में 23 अप्रैल 2020 को इस जहाज का नाम रखने के लिए बकायदा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक (Kim Jung-sook) ने गेओजे शिपयार्ड में फीता काटकर आधिकारिक तौर पर इसका नाम ‘एचएमएम एल्गेसिरस’ (HMM Algeciras) घोषित किया.
सितंबर तक 11 ऐसे और जहाजों की डिलिवरी करेगी एचएमएम
झांग जून के मुताबिक, सितंबर 2020 तक 24,000 कंटेनर लादने की क्षमता वाले ऐसे कुल 12 मालवाहक जहाज डिलिवर कर दिए जाएंगे. इसके बाद 2021 की दूसरी तिमाही से बाकी के 8 कार्गो शिप की भी डिलिवरी शुरू कर दी जाएगी. एचएमएम ने 2018 में दाएबो शिपबिल्डिंग एंड मरीन इंजीनियरिंग (DSME), हुंडई हैवी इंडस्ट्रीज (HHI) और सैमसंग हैवी इंडस्ट्रीज (SHI) के साथ इन 20 मालवाहक जहाजों का सौदा किया था.
शिपिंग एंड फ्रेट सोर्सकी रिपोर्ट के मुताबिक, इन बड़े जहाजों से जहां कंपनियों को ज्यादा फायदा होगा, वहीं इससे बाजार में हो रहे बदलावों के साथ कदम मिलाने में भी मदद मिलेगी. इन जहाजों में इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन (IMO) के पर्यावरण संरक्षण नियम 2020 के मुताबिक स्क्रबर सिस्टम लगाया गया है. इसके उच्च क्षमता वाला इंजन ऊर्जा क्षमता का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions) को घटाएगा.
‘हुंडई मर्चेंट मरीन’ से ब्रांड बदलकर किया गया है ‘एचएमएम’
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन (Moon Jae-in) ने कहा था कि एचएमएम में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इस जहाज को प्रतिस्पर्धी बाजार में काफी फायदा मिला. एचएमएम के सीईओ और प्रेसिडेंट बे जे हून (Bae Jae Hoon) ने कहा कि कंपनी के ये जहा तेजी से ग्लोबल शिपिंग इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी बढाएंगे.
कंपनी ने हाल में अपने ब्रांड को ‘हुंडई मर्चेंट मरीन’ से बदलकर ‘एचएमएम’ किया है. इसके बाद इस कार्गो शिप को समंदर में उतार दिया गया. बता दें कि कंपनी की सियोल में 27 मार्च को हुई शेयरधारकों की सालाना बैठक में ब्रांड बदलने की मंजूरी दी गई थी. इसके बाद कंपनी ने इसे 1 अप्रैल 2020 से लागू कर दिया और 23 अप्रैल को जहाज का नाम रखने को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कंपनी पुराने नाम को 1983 से इस्तेमाल कर रही थी. उससे पहले कंपनी को एशिया मर्चेंट मरीन के नाम से जाना जाता था. नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]