हिजामा क्या होता है , कब कैसे और किन लोगो को हिजामा करवाना चाहिए l देखिए video

हिजामा क्या होता है
सबसे पहले बात करते हैं कि ,हिजामा होता क्या है और यह किस तरह से काम करता है. दोस्तों एक समय के बाद हमारे शरीर का खून चमड़ी के नीचे वाले हिस्से पर जम ने लगता है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है। इसी गंदे खून को निकालने के लिए हिजामा थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि खून साफ होता है और कई तरह की बीमारियां धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।
वैसे तो हिजामा को कपिंग थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। जो कि तीन प्रकार के होते हैं। डायनामिक कपिंग, ड्राई कपिंग, और वेट कपिंग। बेसिकली डायनामिक कपिंग शरीर में मसल स्ट्रक्चर को सॉफ्ट करने है। ब्लड के सरकुलेशन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
ड्राई कपिंग की प्रक्रिया मे कप के अंदर वैक्यूम क्रिएट किया जाता है। जिससे कि आसपास का गंदा खून कप के नजदीक आकर जमा हो जाता है। वेट कपिंग की प्रक्रिया में इस पर हल्के हल्के कट लगाकर। उस गंदे खून को बाहर निकाला जाता है। बेसिकली हिजामा ड्राई कपिंग और वेट कपिंग का एक कॉन्बिनेशन होता है। जिसमें पहले तो ड्राई कपिंग के जरिए गंदे खून को कप के आसपास इकट्ठा किया जाता है। फिर हल्के हल्के कट लगाकर उस खून को खींच कर बाहर निकाल दिया जाता है।
हिजामा करवाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं
हिजामा करवाने के बहुत से फायदे होते हैं।हिजामा करवाने के अनगिनत फायदे होते हैं. जिसे गिन कर तो बिल्कुल भी नहीं बताया जा सकता। क्योंकि ज्यादातर बीमारी खून में गंदगी जमा होने की वजह से ही शुरू होती है। जबकि हिजामा करने की प्रक्रिया में ,शरीर के अंदर से गंदे खून को खींच कर बाहर निकाल दिया जाता है। जिससे कि बॉडी में हल्कापन महसूस होने के साथ-साथ ,कई तरह की बीमारियां भी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।
जहां तक दर्द और त्वचा पर आए निशान का सवाल है। तो यहां इस बात का समझना जरूरी है कि ,हिजामा की प्रक्रिया में कट से त्वचा के ऊपर के हिस्से पर लगाया जाता है। जिससे कि दर्द बिल्कुल ना के बराबर महसूस होता है। कट के निशान भी ज्यादातर एक सप्ताह के अंदर ही खत्म हो जाते हैं।
हिजामा किन लोगों को करवाना चाहिए और किसे नहीं करवाना चाहिए
वैसे तो औरत हो या मर्द ,पूरी तरह से तंदुरुस्त व्यक्ति भी बॉडी को रिलैक्स करने के लिए हिजामा करवा सकते हैं। क्योंकि वक्त के साथ-साथ हर किसी के खून में गंदगी जमा हो ही जाती है। जो कि बाद में कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकती है। लेकिन खासकर जिन लोगों में त्वचा से जुड़ी समस्या है।
जैसे कि एक्ने,पिंपल्स,एग्जिमा,सोरायसिस,बालों का झड़ना या गिरना या लिवर से जुड़ी कोई समस्या,हाई ब्लड प्रेशर ,हाई कोलेस्ट्रॉल ,अर्थराइटिस मतलब की जोड़ों का दर्द ,माइग्रेन होने वाला सिर दर्द, थायराइड,मोटापा,सेक्सुअल प्रॉब्लम,बार बार सर्दी जुकाम होना,अस्थमा,इनफर्टिलिटी,कमजोर पाचन और इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए भी ,हिजामा कराना एक बहुत ही बेहतर विकल्प हो सकता है।
लेकिन जिन लोगों को बुखार डायबिटीज एपिलेप्सी और लो ब्लड प्रेशर की समस्या है। जो लोग खून पतला होने की दवा का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के हिजामा नहीं कराना चाहिए। क्योंकि इस सिचुएशन में बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है। नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]