जानें, कहां जाती है हवाई जहाज के टॉयलेट की गंदगी? देखिए video

आप हवाई जहाज से यात्रा करते समय जमीन से 37 हजार फुट ऊपर हो और आपको हल्के होने की जरूरत पड़े, तो जरूर हल्के हो लीजिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप हवाई जहाज में टॉयलेट का इस्तेमाल इसलिए नहीं करते, क्योंकि आपको जमीन पर गंदगी फैलने का डर होता है। या फिर आप समझते हैं कि जमीन की खास ऊंचाई पर जाने वाली हल्की चीजें जमीन पर नहीं आती। जिसकी वजह से आप आसमान में हल्के होने से कतराते हों?
जी हां, ऐसा ही है, एक स्टोरी के मुताबिक काफी लोग ये सोचते हैं कि अगर वो हवाई जहाज में मल-मूत्र त्याग रहे हों, तो वो आसमान में फैल रहा है या फिर जमीन पर बिखर रहा है। पर ये सच नहीं है, सच तो ये है कि आप जिस जहाज में उड़ रहे होते हैं, उस जहाज में भारी सा 200 गैलन का टैंक लगा होता है। जिसमें मल-मूत्र जमा होते रहते हैं।
यूं तो पिछले 30 सालों से ही हजाई जहाजों में वैक्यूम टॉयलेट होता है। जो पानी को छानकर एक ओर भेज देता है और ठोस मल को एक तरफ। ये ठोस मल जहाज में नीचे की तरफ लगे 200 लीटर के टैंक में मिल जाता है।
ये 200 लीटर का टैंक हर उड़ाने के बाद एयरपोर्ट पर खुलता है। जिसे खाली किया जाता है। अगर अब सोच रहे होंगे कि वो टैंक कैसे खुलेगा, तो वो टैंक बाहर की तरफ से खुलता है। जो पूरी तरह से मानवीय तरीकों से खुलता है। ये काम स्टेशन पर तैनात कंपनी के कर्मचारी करते हैं।
तो, अब अगली बार जब भी हवाई जहाज मे यात्रा करना हो, तो ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं है। जहां जाना है जाइए, और अपनी सीट पर बैठिए.नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]