एक ऐसा GANGSTER जो बदला और मोहब्बत के बीच फंसा रहा , PAPLA GUJJAR की कहानी

विक्रम गुर्जर, पपला (papla gujjar), मानसिंह और उदय, यह चारों नाम एक समय दहशत का पर्याय रहे इनामी गैंगस्टर ( Gangster papla gujjar) के हैं. पिता ने नाम विक्रम दिया था और तीन राज्यों की पुलिस के लिए वह बदमाश पपला बना. फरारी के दौरान प्रेमिका जिया के लिए वह मान सिंह बन गया. दुर्दांत पपला की कहानी किसी और के प्रेम प्रसंग से शुरू होकर कोल्हापुर में अपनी प्रेमिका के फ्लैट पर खत्म होती है. राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में कभी विक्रम गुर्जर उर्फ पपला खौफ का दूसरा नाम हुआ करता था. हालांकि अब वह अजमेर जेल की सलाखों के पीछे अपने अपराधों की सजा भुगत रहा है. कहा जाता है कि पपला ने हर उस शख्स का मर्डर कर दिया, जो उसके खिलाफ गवाह बना.
पपला की कहानी हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खरौली गांव से शुरू होती है. इस गांव के लड़कों को सेना में जाने का बेहद शौक है. विक्रम के पिता भी चाहते थे कि उसका बेटा सेना में जाए. पिता के सपने को पूरा करने के लिए विक्रम स्कूल की पढ़ाई ख़त्म कर फ़ौज में भर्ती होने की तैयारी करने लगा. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. इसी बीच अचानक उस पर पहलवानी का खुमार चढ़ा और गांव में कुश्ती सिखाने वाले शक्ति सिंह के पास पहलवानी भी सीखने लगा.
प्रेम प्रसंग में पिटाई और गुरु की हुई हत्या
कुश्ती सीखने के दौरान ही उसके जीवन का सबसे खतरनाक मोड़ आया. विक्रम गुर्जर ने एक प्रेम-प्रसंग के मामले में संदीप फ़ौजी नाम के शख्स को पीट दिया. दरअसल, विवाहित संदीप का उसके गांव की ही एक लड़की से अफेयर चल रहा था. पंचायत ने संदीप को लड़की से मिलने को मना किया, लेकिन जब वह नहीं माना तो विक्रम ने अपने गुरू शक्ति सिंह और साथियों के साथ उसे खूब पीटा. लेकिन इस मारपीट के कुछ दिन बाद ही उसके गुरु शक्ति सिंह की हत्या हो गई.
पहला अपराध और फिर पुलिस कस्टडी से फरारी
विक्रम, जो शक्ति सिंह को अपना गुरु मानता, उसे इस हत्या से बहुत सदमा लगा और वह गुस्से में उबलने लगा. कुछ समय बाद 2014 में संदीप फ़ौजी, उसकी मां, मामा और नाना की हत्या हो गई और आरोप विक्रम उर्फ पपला और उसके साथियों पर लगा. उसे अवैध हथियारों के साथ 2016 में पकड़ा गया और हत्याकांड के चलते भी जेल में बंद था, लेकिन सितंबर 2017 में पेशी पर ले जाते समय वह पुलिस कस्टडी से फरार हो गया. अब पपला पर पांच लाख का इनामी और मोस्टवांटेड अपराधी बन गया.
फरार पपला साल 2019 में एक नेता जयराम गुर्जर की हत्या का बदला लेने राजस्थान के अलवर के बहरोड़ पहुंचा था, पुलिस को खबर लगी तो पपला को धर दबोचा, लेकिन गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही पपला की गैंग ने एके-47 जैसे हथियारों से लैस होकर बहरोड़ थाने पर हमला बोल दिया. थोड़े ही देर में लॉकअप तोड़कर पपला गुर्गों संग फरार हो गया.
फरारी के दौरान जिम ट्रेनर जिया को बनाया प्रेमिका
बहरोड़ थाने में आतंक मचाने के बाद दो साल तक पपला गायब रहा. वह दूसरे राज्यों में कई स्थानों पर फरारी काटता रहा. 13 दिसंबर 2020 को कोल्हापुर की मार्शल आर्ट जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान पपला गुर्जर की मुलाकात जिम ट्रेनर जिया से हुई. पपला गुर्जर ने जिया को उसका नाम मानसिंह उर्फ उदय बताया. जिया उसकी ट्रेनर थी और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. जिम में एक्सरसाइज करने के साथ दोनों हमेशा के लिए एक दूजे की होने की योजना भी बना चुके थे. जिया ने मानसिंह उर्फ पपला को अपने जीवन का हर सत्य बताया.
पुलिस ने कोल्हापुर से पपला और प्रेमिका को पकड़ा
इसी बीच जिया की जिंदगी में 28 जनवरी 2021 की काली रात आई. पुलिस को इनपुट मिला कि पपला महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ है. पुलिस ने रात में छापा मारकर पपला के साथ जिया को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनके घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था. जिया को तब पहली बार पता चला कि जिसे वह मान कहकर मान देती थी, असल में वह फरार ईनामी मुजरिम है. चार फरवरी को कोर्ट ने जेल भेज दिया. जिया दो माह 4 दिन जेल में रही और इसे निर्दोष मानकर रिहा कर दिया गया.
…और पपला गुर्जर को हत्याकांड के लिए आजीवन कारावास
राजस्थान पुलिस पपला को गिरफ्तार करके जयपुर ले आई और हाई सिक्योरिटी से लैस अजमेर जेल में बंद कर दिया. उस वक्त पपला को लेकर पुलिस इतनी चुस्ती बरत रही थी कि जेल के ऊपर ड्रोन से निगरानी की जा रही थी. वहीं बीते ही साल पपला गुर्जर को 2014 के हत्याकांड के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]