बकरीद से पहले बाजारों में लगी चहल-पहल,12 से 60 हजार रुपए में खरीदे जा रहे बकरे l देखिए video

ऐसा माना जा रहा है की इस बार बकरीद यानी की ईद-उल-अज़हा 22अगस्त को मनाया जा रहा है। बकरीद को ईद-उल-ज़ुहा भी कहा जाता है।क्योंकि बकरीद पास आती जा रही हैं। ऐसे में लोगों ने इसकी तैयारी करनी भी शुरू कर दिया है। बाजारों में काफी चहल-पहल देखने को मिल रही है।लोग अभी से खरीदारी करने मे जुट गए हैं।इस वक्त सबसे ज्यादा लोग बकरों की खरीद में लगे हुए हैं। बाजारों में बकरों की खरीद-फरोख्त काफी देखने को मिल रही हैं।
12 हजार से लेकर 60 हजार रुपए में बिक रहे बकरे
दुकानदार बाजारों में बड़ी संख्या में बकरे बेचने के लिए लेकर आ रहे है। इसके बावजूद भी बकरों के दामों में कमी नहीं देखने को नहीं मिली। हाट में बकरे 12 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक की कीमत के बेचे जा रहे है। लोग भी बकरीद से पहले बाजार में बकरों की जमकर खरीदारी करने में लगे हुए है। मेहतवाड़ा का साप्ताहिक बाजार पशु के बाजार के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर दूर-दूर से खरीददार तथा बेचने वाले आते हैं। बकरा ईद जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है वैसे-वैसे बाजारों में बकरों का हुजूम देखने को मिलेगा। इस बार बकरों के खरीददार इंदौर, भोपाल, देवास, महू, खंडवा के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित दूसरे प्रदेशों से आकर ऊंचे दामों में बकरे खरीद रहे हैं।
PETA ने लगाई सरकार से गुहार
हर दिन तेजी से बढ़ती इस खरीदारी को देखते हुए,पशुओं के हितों के लिए काम करने वाली संस्था PETA ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर मांग की है कि बकरीद के अवसर पर होने वाले पशुओं की अवैध तरीके से कुर्बानी को रोका जाए। पेटा ने कहा है कि पशुओं का वध सिर्फ लाइसेंस वाले बूचड़खाने में ही होना चाहिए।
सरकार ने पशुओं के निर्यात पर लगाई रोक
तो वही बकरीद से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका दाखिल की गई है कि बकरीद पर बलिदान के लिए भेड़ और बकरियों की खरीद या व्यापार पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।इसके अलावा सरकार ने भी बकरीद से पहले जानवरों के निर्यात पर रोक लगा दी हैं।बता दें की एनडीए सरकार के दौरान देश से पशुधन निर्यात में काफी तेजी आई थी। पशुधन निर्यात साल 2013-14 के 69.30 करोड़ रुपए से बढ़कर साल 2016-17 में 527.40 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।देश से खासकर भेड़ और बकरियों का निर्यात किया जाता है। सरकार के इस कदम से करोबारीयों को करोड़ो का नुकसान हो रहा है। नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]