चाइना में मोबाइल इतना सस्ता क्यों होता है ? | देखिए video

क्या आपको मालूम है चाइना इतना सस्ता मोबाइल कैसे बना लेते है और India में इतने महंगे मोबाइल क्यों मिलते है आखिर भारत और चाइना में ऐसा क्या है। शायद आपको यह भी नहीं मालूम कि चाइना मोबाइल बनने का प्रोसेस क्या होता है जानिय पोस्ट के लास्ट तक बने रहना।
आज की हमारी इस Article में हम आपको जो बातें बताने वाले हैं वह वाकई में आपकी आंखें खोल कर रख देंगे । क्योंकि आज आपको कुछ ऐसी चीजें पता चलेंगे जो सयाद ही आप लोगों ने कभी सूची हो जैसा कि हम से लगातार ही पूछा जाता है कि क्यों चेइना के मोबाइल इतने सस्ते मिलते हैं । और बाकी देशों के मोबाइल कितने महंगे होते हैं तो आज की इस पोस्ट में आप के सभी सवालों का जवाब आपको मिल जाएगा आखिर क्यों चाइना के मोबाइल इतने सस्ते होते हैं और उसके अलावा चाइना के मोबाइल फोन से रिलेटेड कई सारी बातें जो आपको इस वीडियो में पता चलेंगे। इस लिए दोस्तों आज मैं यह आपका दोस्त प्रदीप वर्मा आपके लिए एक शानदार पोस्ट लेकर हाजिर हूं।
चायनीज मोबाइल इतना सस्ता क्यों होता है ?
श्याओमी , लेनोवो, ओप्पो , Vivo , हुआवेई, इसके साथ ही कई सारी और भी नामी गिरामी कंपनी मार्केट में मौजूद है जिनके मोबाइल phone मार्केट पर कब्जा जमाकर बैठे हैं और सबसे ज्यादा कब्जा तो अकेली श्याओमी ने कर रखा है। जहा दुनिया भर में सबसे ज्यादा बिकने वाला फोन तो यही है ऐसे में तो दोस्तो यह फोन ना सिर्फ आपको सस्ते मिलते हैं बल्कि अपने नाम में अपने से दुगने दाम वाले मोबाइल फोन के टक्कर भी देते हैं और यह वजह कि कस्टमर ने सस्ता सुंदर टिकाऊ समझ कर खरीद लेता है। पर सवाल यह आता है कि आखिर चाइना में बनने वाली मोबाइल फोन इतने सस्ते मिलते कैसे है । दोस्तो हम आपके सवाल का जवाब देने के लिए इस पोस्ट को अलग-अलग फैक्टर्स में डिवाइड कर देते हैं क्योंकि आपको यह बात विस्तार से समझानी बहुत जरूरी है।
सबसे सस्ते लीवर
हम सभी को बहुत अच्छे से पता है कि चाइना की जनसंख्या बहुत ज्यादा है और ऐसे में वहां पर बहुत से लोग काम ढूंढने की तलाश में लगे रहते हैं। जिस वजह से वह बहुत सस्ते में काम करना पड़ता है । आप माने या ना माने लेकिन जितने मजदूर चाइना में उतने शायद कहीं और नहीं होंगे जिसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि चाइना की मैन्युफैक्चरिंग हब है। जहा तरह-तरह की चीजें बनाई जाती है ऐसे इतनी सारी लार्ज स्केल में चीजें बनाने के लिए मेनोवाल work तो चाहिए ही चाहिए । और इसी मैनुअल वर्क के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को वर्कर के तौर पर हायर किया जाता है।
जिन्हें बहुत कम मजदूरी में काम करना पड़ता है और तो और वहां की कंपनी की पॉलिसी भी बहुत strong होती है कई बार तो ऐसा होता है रात रात भर कंपनी में वर्कर काम करता है अब जाहिर सी बात है जो वर्कर कम रेट में मिलेंगे तो ऑटोमेटिक ली प्रोडक्ट का रेट कम हो जाएगा।
Cheap marketing
डीलर को मोटा कमीशन नहीं देना पड़ता जिसके कारण उनका प्रोडक्ट ऑटोमेटिक सस्ता जाता है क्योंकि इसमें उन्हें किसी भी डीलर डिस्ट्रीब्यूटर को अप्वॉइंट करने की कोई जरूरत नहीं है।
India का product इतने महंगे कियों होते है
तो सबसे पहले इंडिया में कंपनी को सरकार की तरफ से उतना सपोर्ट नहीं मिलता है जितना मिलना चाहिए हालांकि अब तो गवर्नमेंट कई सारे नए रूल्स लेकर आई है जिस पर अगर काम किया जाए तो देश में मोबाइल और गैजेट मैन्युफैक्चरिंग काफी बढ़ सकता है । पर यह सभी सुविधाएं बस कुछ ही सालों पहले आई थी और तब तक चाइना के सभी मोबाइल हमारी कंट्री में पूरी तरह से छा गए थे जिस कारण को इंडियन कंपनी जाकर भी उठ नहीं पा रही थी।
उसके साथ ही यहां पर किसी भी प्रोडक्ट की कॉपी नहीं कर सकते और लेबर के लिए तो कड़े कानून हमारे देश में मौजूद है जिसने अगर इन्हें चाइना की तरह रात रात भर काम कराया जाएगा तो कंपनी बंद होने के कगार पर आ सकती है और यही सब सारी वजह है कि हमारे देश में मोबाइल फोन सस्ते नहीं मिलते । नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]