कार किराये पर देने के व्यापार के बेहतरीन तरीके |

भारत एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन रहा हैं, इसका कारण देश की जलवायु और भौगोलिक स्थिति में विविधता एवं समृद्ध संस्कृति और हेरिटेज होने के साथ इसका गौरवशाली इतिहास हैं. ये सभी विशेषताएं विदेशी सैलानियों को आकर्षित करती हैं,सस्ती हवाई यात्रा और आसान परिवहन के कारण भारत में टूरिज्म का काफी विकास हुआ हैं. लेकिन कुछ विदेशी सैलानी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करना पसंद नहीं करते हैं. प्राइवेट कार उनकी पहली पसंद होती हैं, जो कि उनके साथ हर समय रह सकती है. इस कारण ही भारत में किराए पर मिलने वाली कारों की डिमांड बढ़ गयी हैं. कुछ लोग जहाँ अनुभवी ड्राईवर को लेना पसंद करते हैं वही कुछ लोग खुद कार चलाना पसंद करते हैं. यदि आप आकर्षक व्यापार शुरू करना चाहते हैं, तो आप व्हीकल रेंटल सर्विस मतलब किराए पर गाड़ी उपलब्ध कराने के बारे में भी सोच सकते हैं.

बिज़नेस रिसर्च

आप जो भी व्यापार स्टार्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए आवश्यक हैं कि आपका बेस मजबूत हो. अस्थिर और विचलित आधार से कुछ भी आकर्षक और लाभ युक्त व्यापार नहीं शुरू किया जा सकता. यदि आप वाहनों और रेंटल सर्विस के बारे में ज्यादा नहीं जानते, तो अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेना सही होगा. वैसे भी जानकारी एकत्र करना किसी भी फर्म को बनाने की दिशा में पहला कदम हैं. कार रेंटल बिजनेस से जुड़े लोग, किताबें, इन्टरनेट पर उपलब्ध आर्टिकल भी आपके ज्ञान के मुख्य स्त्रोत हो सकते हैं. कार रेंटल बिजनेस का मालिक आपको सही दिशा दिखा सकता हैं,और आपको इसकी रिस्क और सामान्य गलतियों के बारे में भी समझा सकता हैं. इस तरह सकारात्मक सोच के साथ आगे की ओर बढ़ते हुए की जाने वाली रिसर्च आपकी काफी मदद कर सकती हैं,और मार्केट में विरोधियों के सामने आपको टिकाये भी रख सकती हैं.

वाहनों के मालिक

एक बार आपने रेंटल बिजनेस शुरू कर दिया, तो आपको कारों की जरूरत होगी. किराए पर वाहन उपलब्ध करवाने वाले कुछ कार रख सकते हैं,लेकिन ऐसी कोई एजेंसी नहीं है जो खुदकी 100 ऑटोमोबाइल कार खरीद कर सके. लेकिन जितनी ज्यादा कार आपके पास होगी, उतना ज्यादा आपको फायदा होगा. किन्तु इसका ये मतलब नहीं हैं कि आप 10 वाहन से कम होने पर बिजनेस शुरू नहीं कर सकते. इसलिए बस ध्यान देने वाली बात हैं कि आपके पास साधनों का मालिकाना हक हो. यदि आपके पास पर्याप्त धन हैं तो आप एक या एक से ज्यादा साधन खरीद सकते हैं. यह आपके बजट पर दबाव बनाएगा, लेकिन ज्यादा कार होने का मतलब हैं कि इनकी रख-रखाव के लिए भी खर्चा ज्यादा होगा. कोई भी खराब स्थिति की कार को किराए पर लेना नहीं चाहेगा.

रेंटल सर्विस के प्रकार

पहला जिसमें सर्विस प्रोवाइडर किसी व्यक्ति को कार उपलब्ध कराते हैं या लम्बे समय के लिए बिजनेस हाउस का उपयोग किया जा सकता हैं. मुख्यतया ये तब ही होता हैं जब कार को ठेके पर दिया जाता हैं.

दुसरे प्रकार की रेंटल सर्विस वो हैं जिसमें एजेंसी व्यक्ति या कंपनी को थोड़े समय के लिए वाहन उपलब्ध कराती हैं.ज्यादातर पारम्परिक टैक्सीयां, ओला या उबर सर्विस देने वाली कम्पनी इसी दूसरी श्रेणी में आती हैं. ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार सर्विस प्रोवाइडर लम्बे समय के लिए ड्राईवर भी उपलब्ध करवा सकती हैं. कभी-कभी ग्राहक सर्विस प्रोवाइडर के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट भी साईन करते हैं और कार खुद ही चलाते हैं.

बिजनेस हाउस की ओनरशिप

आपका साधनों को किराए पर देने का बिजनेस बड़ा हो या छोटा,आपको आवश्यक लीगल डॉक्यूमेंट भरने जरुरी होते हैं. यदि आपके पास आवश्यक सर्टिफिकेट नहीं हैं तो आपको किसी भी क्षेत्र में इसके परमिशन नहीं मिलेगी. इसके लिए विभिन्न प्रकार के कंपनी रजिस्ट्रेशन होते हैं, आपको एजेंसी के ओनरशिप के अनुसार ही फॉर्म भरने पड़ते हैं. यह आपके एकल स्वामित्व में भी हो सकता हैं या कोई पार्टनरशिप फर्म भी हो सकता हैं,यह मालिकों की संख्या और शेयर होल्डर पर निर्भर करता हैं. पार्टनर ना होने की स्थिति में लाभ और घाटा दोनों के जिम्मेदार आप ही होंगे लेकिन पार्टनर होने की स्थिति में पार्टनरशिप कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार शेयरहोल्डर में लाभ और हानि का विभाजन होगा.

सर्विस एरिया का चुनाव

शहरों में ओला और उबर बहुत बढ़ गए हैं. रेंटल एजेंसी को शहर के बीच में आपको पर्याप्त संख्या में ग्राहक नहीं मिलेंगे. जगह का चुनाव सही नहीं होने पर आपके बिजनेस के लिए अच्छा नहीं होगा. यदि आप टैक्सी या कैब सर्विस चाहते हैं तो शहर की लोकेशन चुनना जरुरी हैं.आपके ऑपरेशन के सही एरिया को पहचानना आपके बिजनेस के लिए बहुत जरुरी हैं,जिससे आप पर्याप्त मार्केट का सर्वे कर सको,आप प्रतिध्वन्धी एजेंसी की सभी जानकारी मिल सके,उसके अनुसार ही अपने बिजनेस ऑफर तैयार कर सके. टूरिस्ट स्पॉट पर कार रेंटल एजेंसी खोलने से ज्यादा ग्राहक और ज्यादा लाभ मिलेगा.

इंश्योरेंश पेपर भरना

कोई नहीं बता सकता हैं कि कब कार के साथ कौनसी और कैसी दुर्घटना हो जाए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कार को किस हद तक डैमेज होता है आपको तो इसे रिपेयर करवाने के लिए अपनी जेब से खर्चा देना ही पड़ता हैं. सभी सर्विस प्रोवाइडर पर टैक्स भी लग सकता हैं, इसलिए ये जरुरी हैं कि आप आवश्यक एहतियात बरते. सुरक्षित रहने का, अनचाहे खर्चों से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय ये हैं कि कार का बीमा करवा लिया जाए. इस तरह से यदि कुछ होता हैं तो बीमा कंपनी ही सारे खर्चे को उठाएगी.

एडिशनल क्लॉज़

यदि आप एक कार रेंटल कंपनी खोलते हो जो कि किसी एक व्यक्ति को लम्बे समय के लिए कार किराये पर देती हैं तो आप ग्राहक को एक्सेस क्लॉज़ पर साइन करने का कह सकते हो. यदि आप समस्या से बचना चाहते तो ये करना बहुत जरुरी हैं. ग्राहक के पास कार रहते हुए यदि कार को क्षति पहुचती हैं तो एक्सेस क्लॉज़ के अनुसार ग्राहक को इसका अतिरिक्त भुगतान करना होगा जिससे की गाडी को वापिस सही कराया जा सके. यह सर्विस प्रोवाइडर को खर्चा अपने ऊपर लेने से बचाता हैं.

सम्बन्धित समस्याओं को सम्भालना

रोज के कामों में तकनीक का उपयोग बढ़ गया हैं. कार द्वारा की गयी ट्रिप, पेट्रोल के पैसे, प्रति दिन कितने यात्रियों ने सवारी की, ये सब ध्यान में रखना चाहिए. यह कार्य को सफल बनाएगा और सारे रिकॉर्ड का बैकअप भी रखेगा. ऐसे में यदि आप कोई विशेष कागज गुमा भी देते हैं तो भी आपको सारे डाटा समय पर उपलब्ध हो जाएंगे. पहले ये सब हाथ से किया जाता है लेकिन अब इसके लिए सॉफ्टवेयर और टेम्पलेट उपलब्ध हैं, जो कि काम को आसान करेंगे, और कम समय लगेगा.

सेवाओं का प्रमोशन करना

कार रेंटल एजेंसी के लिए चैनल के मैनेजमेंट और विज्ञापन करना आवश्यक हैं. ज्यादातर लोग आपके द्वार पर आकर आपसे रेंटल सर्विस के बारे में नहीं पूछेंगे. वो आवश्यक डिटेल के लिए ऑनलाइन ही चेक करेंगे. इसलिए यदि आप ग्राहकों की संख्या को बढ़ाना चाहते है, तो आपको उन्हें अपने बारे में बताना होगा. इसलिए प्रॉपर प्रमोशन जरुरी हैं इसके लिए आप पारम्परिक तरीकों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

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