भगत सिंह के वंशज आज किस हालत में रहते हैं?

शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सरकारी दस्तावेजों में शहीद घोषित करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार अभी तक बयानों से आगे नहीं बढ़ी है। इस मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे भगत सिंह के वंशज यादवेंद्र सिंह संधू का कहना है कि अब इस सरकार से याचना नहीं की जाएगी।‘अमर उजाला’ की आरटीआई पर गृह मंत्रालय के जवाब से मचे बवाल के बाद सरकार ने संसद में बयान देकर कहा था कि जल्द ही रिकार्ड दुरुस्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भी इस बारे में बयान दिया था। लेकिन शहीद परिवार की मांग पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय मौन
वंशजों ने कहा था कि सरकार भगत सिंह जी के जन्मदिवस (28 सितंबर) तक रिकार्ड सुधार कर उन लोगों को इसकी सूचना दे। संधू ने बताया कि अब तक इस बारे में न तो प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई सूचना आई है और न ही गृह मंत्रालय से। गृह राज्य मंत्री ने तो संसद सत्र के बाद मिलने की बात कही थी लेकिन वह दिन आज तक नहीं आया।
सरकार हमसे बात करने के लिए राजी नहीं
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री द्वारा इस मुद्दे पर बातचीत के लिए नहीं मिलने पर सितंबर के पहले सप्ताह में संधू भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर आए हैं। उनका कहना है कि मोदी ने भगत सिंह का वंशज सुनते ही बुलावा भेज दिया। उन्होंने इन सभी मुद्दों पर गांधीनगर (गुजरात) में उनसे 40 मिनट तक बातचीत की, जबकि सरकार हमसे बात करने के लिए राजी नहीं है।
अब नई सरकार का इंतजार करेंगे परिजन
संधू का कहना है कि वह उन सभी क्रांतिकारियों को दस्तावेजों में शहीद घोषित करने की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। अब कांग्रेस सरकार से उम्मीद नहीं है कि वह क्रांतिकारियों को शहीद घोषित करेगी। अब हम नई सरकार का इंतजार करेंगे।
संसद में उठा था मामला
‘अमर उजाला’ ने अप्रैल में आरटीआई डालकर पूछा था कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा कब दिया गया। यदि नहीं तो उस पर क्या काम चल रहा है। इस पर नौ मई को गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि इस संबंध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। इसी जवाब को लेकर फरीदाबाद में रहने वाले शहीद-ए-आजम के वंशज यादवेंद्र सिंह संधू ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा, जिसके बाद मामला संसद में उठा। नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]