अमीर बनना है तो मारवाड़ी से सीखे l देखिए video
आइये जानते हैं मारवाड़ीयों के सात गुण जो उन्हे अमीर बनाते हैं.
1- Measured- पूर्णरूप से सुचिंतित
मारवाड़ी राजस्थान के मारवाड़ से आते है. राजस्थान मारवाड़ रेत का इलाका है. जहां पानी बमुश्किल मिलता है. ये पानी की Value जानते है. जहां जिस चीज की कमी होती है वो उस चीज की Value जानते है. यह स्वभाव से दयालु होते है लेकिन चीजो को समझ बूझ के साथ इस्तेमाल करते हैं. ये कंजूस नहीं होते. बस तरीका इनका बेफिजूली का नहीं होता. ये पैसो की कीमत को समझते है. फाइनेंस कैसे करना है इसके ये मास्टर होते हैं. ट्रेजरी मैनेजमेंट होते है. फंड को मैनेज अच्छे से करना जानते हैं.
मारवाडीयों की यह विशेषता होती है कि बिजनेस operation किसी को दे सकते है लेकिन Account से सम्बधित सारी जानकारी अपने पास रखते हैं. ये कहते है –एक मारवाड़ी की मिठाई की दुकान पर नौकरी लिए एक व्यक्ति आया. उसने कहां मुझे नौकरी पर रख लो. मारवाड़ी बोला,”मैं उसे अपनी दुकान पर रखता हूँ जिसे डायबटीज हो.”
2- Resourceful साधन संम्पन
आपको जानकर हैरानी होगी, जितने बड़े नाम है सब मारवाड़ी हैं. आप जानते है मारवाडी पूरे देश को कर रही है. 42% अरबपति भारत में मारवाडी है. हर पाँच में से दो मारवाड़ी या गुजराती होते है.
3- Ambitious- महत्वाकांक्षी
एक बार मारवाड़ी फ्लाइट की बिजनेस क्लास में सफर कर रहा था. तभी फ्लाइट की केबिन Crew ने एक ट्रे में बादाम के बिस्किट का पैकेट तथा एक मे जूस का डिब्बा दिया.
मारवाड़ी ने दोनो चीज अपने बैग में डाल ली और दूसरे बैग से एक पाउच निकाल कर मैडम को बोला,” मैडम एक कप गर्म पानी दे दीजिए.”पास में बैठे व्यक्ति ने पूंछा,”आपने दोनो चीजे बैग में डालकर गर्म पानी का Order क्यो कर रहे हैं?
मारवाडी़- मैने एक होटल में खाना खाया वहां काॅफी का पाउच फ्री मिल रहा था. यहां गर्म पानी फ्री मिलता है. इसलिए काॅफी को पानी में मिलाकर चाय बना लूंगा.”यदि पैसा बैंक में पड़ा है तो उसे तुरंत काम पर लगा देते हैं. फालतू का एक पैसा बैंक में नहीं रखते. पैसे से पैसा पैदा करने की आदत ही इन्हे अलग बनाती हैं.अधिकतर कम्पनियां Operation business पर काम करती हैं. लेकिन मारवाडी कम्पनियां accounting operation पर ध्यान देती हैं.
4- Authentic प्रांमणिक
यदि कोई चीज अपनी कीमत को Justify नहीं करती तो दुनियाॅ का कितना भी बड़ा sales man आ जाये इन्हे माल नहीं बेच सकता. ये पहले Earn करते हैं तब करते हैं.
यह किसी भी धंधे में इनवेस्ट करने से पहले उस धंधे की निकाल लेते हैं. यदि कम बचत होती है तो यह अपने पैसे को अन्य कामों में लगा देते हैं.घनश्याम दास बिड़ला ने अपने बेटे बसंत कुमार बिडला 13 साल की उम्र मे बोला,”मैं तुझे पैसे नही दूंगा. तुम खुद ही खुद के खर्चे चलाओगें. उसके बाद बसंत कुमार बिड़ला ने स्टाॅक मार्केट में पैसा लगाना सीखा. पहली बार 13 साल की उम्र में स्टाॅक मार्केट से कमाया और उन्होने 14 साल की उम्र में पहली बार टैक्स दिया. 15 साल की उम्र में बिजनेस स्टार्ट किया. 18 साल की उम्र में अपनी कम्पनी को जो Loss में जा रही थी. उसे लाभ में लेकर आये.
5- धर्म धार्मिक
मारवाडी इतने सरल रहते हैं कि इनके पास कितना पैसा है यह किसी को पता ही नहीं चलता. पूजा-पाठ धर्म के काम करना. दान देना इनको बचपन से सिखाया जाता है. इनका मानना है.एक बार मारवाडी दुबई गया. वहां एक शेख बिमार था. शेख ने मारवाडी से खून मांगा. मारवाड़ी स्वभाव से ही दानी होते हैं. मारवाडी ने शेख को दान कर दिया. शेख ठीक हो गया. शेख ने खुश होकर मारवाडी को एक कार गिफ्ट में दे दी. मारवाडी बहुत खुश हुआ. अगली बार फिर मारवाडी दुबई पहुँचा. इस बार वह शेख फिर से बिमार पड़ा हुआ था. शेख ने खून मागा मारवाडी ने दे दिया. शेख ने ठीक होकर इस बार गिफ्ट में एक मिठाई का डिब्बा दिया. मारवाडी को बहुत अजीब लगा. उसने शेख से पूंछ लिया,” पिछली बार आपने कार गिफ्ट में दी थी. इस बार आपने बहुत छोटा गिफ्ट दिया. तो शेख बोला,”पिछली बार मैनें तुम्हे गाड़ी दी लेकिन अब तो मेरे अदंर तुम्हारा ही खून दौड़ रहा है.
6- Wisdom बुद्धिमता
एक बार न्यूज पेपर वाले को मारवाडी ने बोला- एक एड डालनी है मेरे चाचा गुजर गये. न्यूज पेपर वाले ने बोला – एड तो में डाल दूंगा. लेकिन पचास रूपये प्रति वर्ड लगेगा.मारवाड़ी थोड़ी देर सोचते हुए बोला- ठीक है ! लिख दो चाचा जी गुजर गये. एड वाला बोला- तीन शब्द अच्छे नहीं होते. कम से कम 6 Word तो लिखवायें.
मारवाडीयों के भारत में स्टार्टअप
इनके ऊपर चुटकुले तो बहुत बने लेकिन ये Cheap miser नहीं हैं. ये Opportunity को हाथ से जाने नहीं देते.ऐसे ही एक बार ट्रेन में चाइनीज यात्रा कर रहा था. उस चाइनीज ने मक्खी देखी और पकड़कर खा गया. वहा पास में बैठा एक मारवाडी यह सब देख रहा था.अचानक उसने भी एक मक्खी पकड़ ली. तभी वहां बैठे दूसरे व्यक्ति ने पूंछ लिया,”क्या तुम भी खाओगे ?मारवाड़ी ने जवाब दिया. नहीं जी! मैं चाइनिज को मक्खी मारकर बेचूंगा.जेखिम लेने से नहीं ड़रते Opportunity scaner होते हैं. ये पढ़ाई तो कोई सी भी कर लेगें. लेकिन अपना बिजनेस ही चलायेगें. खुद का धंधा करेगें. ये नौकरी करना पसंद नहीं करते. बचपन से ही खुद का बिजनेस करने के लिए प्रेरित किया जाता है.
7- Industrious मेहनती
एक बार 1978 में कोलकता में बनर्जी फेमली रहती थी. उनकी कम्पनी का नाम था. कुछ समय बाद कम्पनी को घाटा लग गया. दो दोस्त थे एक राधेश्याम अग्रवाल, दूसरे राधेश्याम. दोनो उसी कम्पनी में नौकरी करते थे. दोनो ने सोचा कम्पनी बिकने पर आ गई. दोनो ने नौकरी छोड़ी और कम्पनी घाटे में थी फिर भी खरीद ली और दोनो ने मिलकर खूब मेहनत की और आज उस कम्पनी का नाम हो गया. आज पूरी दुनियाॅ इनको जानती है. आज पूरी दुनियाॅ में इनका माल बिकता है.सभी मारवाडी जुड़कर रहते हैं. किसी भी प्रोग्राम को मिस नहीं करते. ये अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. इनका कोई भी धंधा हो पूरा परिवार एक साथ जुटा रहता है. नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डिसक्लेमर: यह न्यूज वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है. ]