अगर आपके पटका एसिड गायब हो जाये तो देखिये video

जब आपका पेट ठीक से काम कर रहा होता है तब शायद आप इसके बारे में सोचते भी नहीं हैं। पर जब ये बिगड़ने लगता है तब आप इसे नज़रंदाज़ नहीं कर सकते। और अभी ये ज़रूर आपसे बातें कर रहा होगा। क्योंकि अचानक आपके पेट का एसिड ग़ायब हो गया है।पाचन लिए जितने भी जूस यहां बनते हैं उनमें से सबसे तेज़ है हाइड्रोक्लोरिक एसिड। हाइड्रोजन क्लोराइड का लिक्विड यानी तरल रूप उर्वरक(Fertilizer) पटाखे रबर और स्टील में काम आता है। अगर आप इसे सांस के साथ अंदर लेते हैं तो आपको नाक और सांस की दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है।पर ये ख़तरनाक एसिड आपकी सलामती के लिए ज़रूरी है और इसके बिना आप बड़ी परेशानी में आ सकते हैं। तो, हम आपके पाचन के सिस्टम से गुज़र कर आपके बिना एसिड वाले पेट में जाने वाले खाने के एक टुकड़े को देखेंगे।

पर सबसे पहले देखते हैं कि जब आप आमतौर पर खाते हैं, तो क्या होता है। 

आप एक लज़ीज़ बेगल खाते हैं। आपका पेट तुरंत ही गैस्ट्रिक जूस यानी पाचन के लिए ज़रूरी जूस बनाने लगता है। आपके पेट की दीवार में बने तीन यानी ग्रंथियों की मदद से ये एसिडिक मिश्रण तैयार होता है।जैसे-जैसे आप अपने खाने को चबाते और निगलते हैं ये वो रूप लेता है जिसे बोलस कहा जाता है। ये आपकी खाने की नली के ज़रिए आपके पेट में जाता है जहां ये गैस्ट्रिक जूसेस के साथ मिल जाता है। जैसा कि मैंने पहले कहा ये मिश्रण काफ़ी ताक़तवर होता है।पर ख़ुश्क़िस्मती से, आपके पेट के अंदर की दीवार पर एपिथीलियल सेलों(epithelial cells) से बनी सुरक्षा की परत होती है। एपिथीलियल सेलों(epithelial cells)के बिना गैस्ट्रिक एसिड आपके पेट की दीवार को खा जाएगा। पेट का ये एसिड बहुत तेज़ होता है पर ये आपके शरीर के लिए चार अहम चीज़ें करता है।

• पहला, ये प्रोटीन को तोड़ता है। इसे प्रोटियॉलिसिस कहते हैं।

• दूसरा, ये पेप्सिन को सक्रिय करता है जिससे प्रोटीन को पचाने में मदद मिलती है।

• तीसरा, ये ऐसे किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को मारने का काम करता है जो आपके खाने के साथ आपके अंदर पहुंच गए हों।

• चोथा ,आखिरकार, आपके पेट का एसिड एक केमिकल यानी रसायनिक सिग्नल भेजता है जिससे आपका खाना छोटी आंत में जाता है।

आपकी छोटी आंत में खाना पहुंचने के बाद ये आपकी बड़ी आंत में जाता है। और फिर आप जानते ही हैं आगे क्या होता है। आपके पाचन तंत्र का पूरा रास्ता आपके मुंह से लेकर आपके गुदा तक हर चीज़ खाने को तोड़ने के लिए ज़रूरी होती है। पर आपका पेट ही आपके पाचन तंत्र का असली हीरो होता है।तो, अगर आपके पेट में एसिड कम हो तो चीज़ें कितनी बदल सकती हैं :-आप उस लज़ीज़ बेगल का एक टुकड़ा खाएंगे फिर उसे चबाएंगे और निगलेंगे। ये खाना आपके पेट में जाएगा और कुछ भी नहीं होगा। कोई गैस्ट्रिक एसिड इस खाने को तोड़ने का इंतज़ार नहीं कर रहे होंगे। खाना वहां बना रहेगा बढ़ते बैक्टीरिया की वजह से आपको बुरा संक्रमण हो सकता है।शरीर प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्वों को सोख नहीं पाएगा जिसके बाद आपमें पोषण की कमी हो जाएगी। और खाना बहुत तेज़ी से आपकी छोटी आंत में जा सकता है। हो सकता है ये दूसरी तरफ से पूरा का पूरा ही बाहर आ जाए इसे डंपिंग सिन्ड्रोम कहते हैं। ये पेट के एसिड की कमी का एक लक्षण है। क्योंकि, आपको ज़्यादा पोषण नहीं मिल रहा आपको कई सारी परेशानियां होने लगेंगी।

ये लिस्ट काफ़ी लंबी है तो समझ लीजिए कि आपको गैस की गंभीर समस्याएं होंगी सीने में जलन पेट और आंतों में संक्रमण और आखिरकार, दूसरी चीज़ें के साथ, न्यूरोलॉजिकल दिक्क़तें भी होंगी। आपको हर दो या तीन घंटे में खाना पड़ेगा। और छोटे कौर खाकर, खाने को अच्छी तरह से चबाना होगा ताकि आपका शरीर उसे पचा सके। या, आप अपने खाने को mixture में डालना शुरू करना होगा ताकि खाने को पचा सके।अपना खाना पीकर लेने में कुछ ख़ास मज़ा तो नहीं आएगा पर ये आपके बिगड़े हुए पाचन तंत्र के लिए अच्छा ज़रूर होगा। आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि आप क्या खा रहे हैं और जलन से बचने के लिए आपको प्रोसेस्ड खाने से दूर रहना होगा।और साथ ही ढ़ेर सारे सप्लिमेंट्स की भी ज़रूरत होगी हालांकि इनसे आपको उल्टी महसूस हो सकती है। पर ये चीज़ें भी आपको वापस ठीक स्थिति में नहीं ले जा सकेंगी।

ख़ुश्क़िस्मती से, पेट का एसिड ऐसे ही ग़ायब नहीं होता। पर सही मात्रा में पेट का एसिड या हाइपोक्लोर्हाइड्रिया ना होना एक आम स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है। उम्र तनाव प्रोसेस्ड खाना और एंटेसिड का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल आपके पेट के लिए समस्या की वजह बन सकता है।अच्छी बात ये है कि आप थोड़ी अदरक किण्वित यानी किण्वित सब्ज़ियां  या एप्पल साइडर विनेगर यानी सिरका पी सकते हैं। इससे जलन में कमी आती है खाना टूट कर पचता है और पेट के एसिड में बढ़त होती है जिससे आपको मिलता है ख़ुशहाल पाचन।अपने शरीर को हल्के में लेना आसान है। पर ये बहुत मेहनत करता है और हमें इसे वैसा ही पेचीदा पर ख़ूबसूरत मशीन का दर्जा देना चाहिए जो कि ये हे ही।अपने शरीर का ध्यान रखना उतना ही आसान है जितना ज़रूरत महसूस होने पर तुरंत शौचालय जाना चाहे आप एक लंबे सफ़र पर ही क्यों ना हों।पर क्या हो अगर आप एक हफ्ते तक पेशाब रोक कर रखें?जानने के लिए पढ़ते रहें ‘‘क्या हो अगर’’इस लेख को शेयर देना । चलिए मिलते है और एक लेख के साथ तबतक के लिए पढ़ते रहे क्या हो अगर।नोट – प्रत्येक फोटो प्रतीकात्मक है (फोटो स्रोत: गूगल) [ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. EkBharat News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *